भाजपा फॉर्मूला; मेयर-पार्षद के लिए 80% नए चेहरे, 50 से कम उम्र वालों और डॉक्टर, प्रोफेसर, सीए को प्राथमिकता | BJP Formula; 80% newcomers for Mayor-Councillor, preference given to those below 50 and doctors, professors, CAs

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भोपाल20 मिनट पहले

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सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वालों को तवज्जो दी जाएगी, आधे टिकट महिलाओं को मिलेंगे। - Dainik Bhaskar

सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वालों को तवज्जो दी जाएगी, आधे टिकट महिलाओं को मिलेंगे।

निकाय चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए भाजपा ने प्रारंभिक तौर पर मापदंड (क्राइटेरिया) तय कर लिए हैं। इस बार भाजपा प्रयास में है कि नगर निगम, पालिका और परिषदों में 80 फीसदी चेहरों को बदल दिया जाए। ऐसा करने के लिए थ्री-लेयर व्यवस्था की गई है। सबसे पहले जिले में प्रभारी मंत्री के साथ चर्चा के बाद सूची बनेगी। यह संभाग स्तरीय चुनाव समिति में जाएगी और फिर प्रदेश संगठन से उस पर मुहर लगेगी।

प्रत्याशी चयन के लिए पार्टी ने बनाई थ्री-लेयर व्यवस्था

  • निकाय में 50 फीसदी महिला उम्मीदवार उतारने पर सहमति
  • इस चुनाव में परिवारवाद से दूरी बनाने की कोशिश करेगी पार्टी
  • 2-3 बार से पार्षद बन रहे नेताओं के लिए अब मुश्किल

केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के बाद पार्टी में सहमति

केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों के बाद प्रदेश संगठन के बीच इस गाइडलाइन पर सहमति बनती भी दिख रही है। चुनाव में पार्टी कोई रिस्क नहीं लेगी। युवाओं को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। पार्षदों के टिकट में डॉक्टर, प्रोफेसर, सीए, एडवोकेट, सामाजिक और सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। आधे टिकट महिलाओं को मिलेंगे।

संगठन की नजर सामाजिक काम करने वालों पर

संगठन ने सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाले चेहरों की तलाश शुरू कर दी है। ऐसे वार्ड तलाशे जाएंगे, जिनमें शिक्षित और समाज के चर्चित चेहरों को लड़ाया जा सके। उन्हें अपने साथ जोड़ने से विधानसभा चुनाव में भी फायदा मिलेगा।

महिलाओं के टिकट में भाजपा नेत्रियों को प्राथमिकता रहेगी, साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाली युवा महिलाओं को भी टिकट दिया जाएगा। इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि जिस वार्ड में पार्षद दो से तीन बार से हैं, उन्हें संगठन में काम देकर वहां नया चेहरा दिया जाएगा।

एक व्यक्ति एक पद

पति पार्षद हैं और वह सीट महिला हो गई है तो पत्नी-बेटी या सगे-संबंधियों को टिकट नहीं मिलेगा। साथ ही यदि कोई मंडल अध्यक्ष, मंडल महामंत्री या जिले का पदाधिकारी है और चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे वह पद छोड़ना पड़ सकता है।

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