फैसला लिखने के लिए जज ने ली ChatGPT की मदद, खुद किया ऐलान…छिड़ गई ‘सही-गलत’ की बहस

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वॉशिंगटन: कोलम्बिया में एक न्यायाधीश ने यह घोषणा करके खलबली मचा दी कि उसने बच्चों के चिकित्सा अधिकार से जुड़े एक कोर्ट केस में फैसला तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड चैटबॉट ChatGPT का उपयोग किया था. अमेरिकी चैनल CBS News की रिपोर्ट के मुताबिक जज जुआन मैनुएल पाडिला ने कहा कि उन्होंने एक ऑटिस्टिक बच्चे, जिसके माता-पिता की आय सीमित थी, उसको चिकित्सा खर्चों और परिवहन शुल्क में छूट दिलाने से जुड़े मामले में टेक्स्ट-जेनरेटिंग बॉट का इस्तेमाल किया था. जज ने ब्लू रेडियो के साथ बातचीत में कहा कि ChatGPT और इस तरह के अन्य प्रोग्राम ‘ड्राफ्ट बनाने में मदद’ के लिए उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि ये न्यायाधीशों का विकल्प बन सकें.

जज जुआन मैनुएल पाडिला ने बच्चे के पक्ष में फैसला सुनाया और 30 जनवरी के अपने फैसले में लिखा कि उन्होंने इस केस के सिलसिले में ChatGPT की मदद ली थी. लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह इस AI Chatbot पर किस हद तक निर्भर थे. पाडिला ने यह भी जोर देकर कहा कि ‘ऐसा नहीं है कि सवालों के जवाब ढूंढने के लिए हम इस एप्लीकेशन की मदद ले लें तो जज बने रहने की हमारी क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. बल्कि ऐसा करके हम किसी मुद्दे पर अपनी सोच को और अधिक आयाम दे सकते हैं.’ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ChatGPT से जब किसी प्रश्न का उत्तर पूछा जाता है, तो वह जवाब देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और इंटरनेट पर मौजूद डेटा का उपयोग करता है.

जज जुआन मैनुएल पाडिला ने बताया कि उन्होंने केस की सुनवाई के दौरान चैटबॉट से जो सवाल पूछे थे, उनमें से एक था कि ‘क्या पहले कभी किसी ऑटिस्टिक नाबालिग बच्चे को उसके उपचारों के लिए शुल्क का भुगतान करने से छूट मिली है?’. चैटबॉट ने उनके सवाल का उत्तर दिया था, ‘हां, यह सही है. कोलम्बिया में नियमों के अनुसार, पहले भी ऑटिज्म से पीड़ित नाबालिगों को उनके उपचार के लिए शुल्क का भुगतान करने से छूट दी गई है.’ न्यायाधीश ने तर्क दिया कि ChatGPT एक सेक्रेटरी का काम कर सकता है. यह बहुत ही ‘संगठित और सरल तरीके’ से सवालों के जवाब देता. पाडिला का मानना है कि यह चैटबॉट न्याय प्रणाली में ‘रिस्पॉन्स सिस्टम’ को दुरुस्त कर सकता है.

रोजारियो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जुआन डेविड गुतिरेज ने जज जुआन मैनुएल पाडिला के विचारों से असमति जताई. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रेगुलेशन और गवर्नेंस के विशेषज्ञ गुटिरेज ने कहा कि उन्होंने चैटजीपीटी से वही सवाल पूछे जो जज ने पूछे थे…और उन्हें अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिलीं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘न्यायिक मामलों चैटजीपीटी का उपयोग करना निश्चित रूप से जिम्मेदारी भरा या नैतिक कदम नहीं है, जैसा कि जज ने फैसला सुनाया है.’ उन्होंने न्यायाधीशों के लिए तत्काल ‘डिजिटल साक्षरता’ प्रशिक्षण शुरू करने की अपील की. कैलिफोर्निया स्थित कंपनी OpenAI द्वारा निर्मित, ChatGPT ने बीते साल नवंबर में लॉन्च होने के बाद से ही कुछ ही सेकंड में निबंध, लेख, कविताएं और कंप्यूटर कोड लिखने की अपनी क्षमता के साथ दुनियाभर में कौतूहल पैदा किया है.

Tags: Chatbots, International news, International news in hindi

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