पत्रकारिता छोड़ सिविल सर्विसेज किया क्रेक, तो कुशल ने इंजीनियरिंग छोड़ यूपीएससी में पाई 40वीं रैंक | After leaving journalism, civil services cracked, then Kushal left engineering and got 40th rank in UPSC

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जबलपुर2 घंटे पहले

कुशल जैन को 40वीं, तो मिनी शुक्ला को 96वीं रैंक मिली।

जबलपुर के कुशल जैन ने इंजीनियरिंग छोड़ सिविल सर्विसेज की तैयारी की और रिजल्ट आया तो 40वीं रैंक हासिल की। वहीं शहर में ट्रेनी आईपीएस प्रियंका शुक्ला की छोटी बहन भी उनके पदचिन्हों पर चलते हुए यूपीएससी की परीक्षा में 96वीं रैंक हासिल की है। दोनों ही प्रतिभागियों का ये तीसरा प्रयास था।

जबलपुर में पदस्थ ट्रेनी आईपीएस बरगी सीएसपी प्रियंका शुक्ला की छोटी बहन मिनी शुक्ला ने यूपीएससी की परीक्षा में बाजी मारी है। अखिल भारतीय स्तर पर उन्हें 96वीं रैंक मिली है। प्रियंका-मिनी के दादा एसएस शुक्ला एमपी के एडीजी रह चुके हैं। चचेरे चाचा शशिकांत शुक्ला व चाची मोनिका शुक्ला भी आईपीएस हैं। मूलत: भिंड निवासी मिनी शुक्ला इस परिवार की पांचवी सदस्य बन गई हैं, जो यूपीएससी की परीक्षा को पास किया है।

ट्रेनी आईपीएस प्रियंका शुक्ला के साथ उसकी छोटी बहन मिनी शुक्ला।

ट्रेनी आईपीएस प्रियंका शुक्ला के साथ उसकी छोटी बहन मिनी शुक्ला।

केवी से पढ़ाई, एमिटी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन

मिनी शुक्ला की पूरी पढ़ाई ग्वालियर में हुई है। केवी-5 से स्कूली शिक्षा लेने वाली मिनी ने एमिटी से अर्थशास्त्र से ग्रेजुएट किया। इसके बाद पुणे में एक अंग्रेजी अखबार में इंटर्नशिप करने लगी। इसके बाद दिल्ली जानकर सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गई। तीसरे प्रयास में उन्हें ये सफलता मिली। जबलपुर में मौजूद मिनी शुक्ला ने बताया कि परिवार में पढ़ाई को लेकर शुरू से विशेष माहौल रहा। पिता कृष्ण कांत शुक्ला मां सीमा शुक्ला ने हमेशा से हौसला बढ़ाया। दीदी की सफलता के बाद आगे बढ़ने की और प्रेरणा मिली। तीन भाई बहनों में बड़े भाई यज्ञदत्त शुक्ला ग्वालियर में वकालत करते हैं।

इंजीनियरिंग से यूपीएससी की सफलता

वहीं जबलपुर के जयकुमार और रश्मि जैन के 29 साल के बेटे कुशल जैन ने यूपीएससी में 40वीं रैंक हासिल कर संस्कारधानी को गौरवान्नित किया है। दो बार इंटरव्यू में असफलता के बावजूद हौसला नहीं हाहरे। माइक्रोसाफ्ट कंपनी में इंजीनियर कुशल कुमार ने पलभर में नौकरी छोड़ी और यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। दिल्ली में रहकर तैयार करने वाले कुशल जैन को तीसरी बार में आखिरकार देश भर में 40वीं रैंक मिली।

क्राइस्ट चर्च से स्कूली शिक्षा

कुशल की स्कूली पढ़ाई क्राइस्ट चर्च से हुई है। कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद दिल्ली में माइक्रोसाफ्ट कंपनी में अच्छे पैकेज में नौकरी कर रहे थे, लेकिन करीब डेढ़ साल बाद ही सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया। घर वालों से बात की और नौकरी छोड़कर तैयारी में जुट गए। कुशल के मुताबिक इंटरव्यू में आवेदक को जानने का प्रयास विशेषज्ञ करते हैं। वो आपके जीवन से जुड़ी बातों को ही जानने का प्रयास करते हैं। कुशल की मां रश्मि जैन शासकीय मिडिल स्कूल में प्राचार्य हैं। वहीं पिता जय कुमार जैन जल संसाधन विभाग में सहायक अभियंता हैं।

685 परीक्षार्थियों ने पास की परीक्षा

संघ लोक सेवा आयोग की ओर से जारी परिणाम की सूची के अनुसार 685 परीक्षार्थियों ने परीक्षा पास की है। इनमें से 180 IAS, 37 IFS और 200 IPS के लिए पास हुए हैं। कुशल जैन ने आल इंडिया में 40वीं रैंक हासिल की है।

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