तीज त्योहारों पर निभाई जाने वाली रस्में दिखाई नृत्य में | The rituals performed during the Teej festivals are visible in the dance

0
160

इंदौर2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

हूबहू बर्मिंघम पैलेस जैसे भव्य द्वार से लालबाग परिसर में प्रवेश लेते ही यहां चल रहे उत्सव की ऊर्जा का अंदाज़ा लग जाता है। कई राज्यों से लाए गए अनूठे शिल्प से सजे बाज़ार से गुजरते हुए मंच तक पहुंचते हैं और वहां नज़र आते हैं लकदक परिधानों में सर से पैर तक सजे जनजातीय कलाकार। मालवा उत्सव के तीसरे दिन शनिवार को कोरकू, घोड़ी पठाई ,मनिहारों गरबा, पंथी और गुजरात का ढाल तलवार नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कोरकू जनजाति के गदली नृत्य से हुई। जिसमें दीपावली एवं होली के अवसर पर किया जाने वाला नृत्य जिसमें गोल घेरा बनाकर महिला पुरुष नृत्य करते नजर आए। साथ ही कबीर गायन भी किया। गुजरात से आए कलाकारों ने ढाल तलवार नृत्य प्रस्तुत किया। राजपूत जनजाति के लोगों ने अद्भुत शौर्य रस का प्रदर्शन किया जिसमें एक हाथ में ढाल और एक हाथ में तलवार लेकर सुंदर नृत्य किया। यह युद्ध में विजय प्राप्त करने के पश्चात किया जाने वाला नृत्य है। साथ ही मां अंबे की आराधना करते हुए सुंदर गरबा भी प्रस्तुत किया गया। इसके बोल थे “खोडियार छे योग माया मामणियारी। कोरकू जनजाति द्वारा टीमकी, चितकोरा, झांझ, लेकर थापटी नृत्य प्रस्तुत किया गया यह चैत के महीने में गेहूं कटाई के बाद किया जाने वाला नृत्य है इसमें पुरुष धोती कुर्ता पहन कर तो महिलाएं साड़ी पहनकर नृत्य करती नजर आई।

खबरें और भी हैं…

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here