हाइलाइट्स
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को अब लगभग नौ महीने पूरे हो चुके हैं.
पुतिन सरकार के फैसले के चलते रूस में अब लोगों के बीच असंतोष फैलता जा रहा है.
रूस ने पत्रकारों को निर्देश जारी कर बताया है कि युद्ध की खबरों में किस तरह का शब्दों का इस्तेमाल करना है.
नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध महीनों से जारी है. इस बीच अब पुतिन सरकार को अपने ही देश के लोगों के अंसतोष को झेलना पड़ रहा है. इसी के चलते रूस प्रशासन ने खासतौर पर पत्रकारों के लिए युद्ध की खबरों में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. रूस में यूक्रेन युद्ध की वजह से लोगों में असंतोष को रोकने के लिए पत्रकारों के लिए नए दिशानिर्देश दिए जा रहे हैं. दरअसल, यूक्रेन की रक्षा विभाग की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक रूस में युद्ध के खिलाफ आम लोगों के बीच गुस्सा न बढ़े इसलिए पत्रकारों को कुछ शब्दों के इस्तेमाल न करने और कुछ खास शब्दों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है.
दिशा-निर्देश के मुताबिक रूस में युद्ध के खिलाफ जो लोग सामने आ रहे हैं या विरोध कर रहे हैं उनके लिए mobs यानी भीड़ शब्द का इस्तेमाल न करने का निर्देश भी दिया गया है. इसके अलावा रूसी मैनुअल में यूक्रेन के मिलिट्री नेतृत्व के लिए कीव के पश्चिमी रक्षकों जैसे शब्द का इस्तेमाल करने को कहा गया है. इसके अलावा रूस में मोबिलाइजेशन की घोषणा के बाद रूस छोड़ चुके लोगों का मजाक उड़ाने को कहा गया है और इनके लिए भगोड़े और ट्रेवलर्स शब्द का इस्तेमाल करने को कहा गया है.
दरअसल, पत्रकारों के लिए नए मेनुअल्स और निर्देशिका के पीछे की मुख्य वजह ये है कि रूसी समाज में युद्ध को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है और शब्दों के इस्तेमाल से रूस के प्रशासन की कोशिश है कि लोगों के बीच ये असंतोष और न बढ़े. यूक्रेन की खुफिया एजेंसी का दावा है कि रूसी सरकार के प्रोपगेंडा का मकसद लोगों को मैनिपुलेट करना है न की समस्या का समाधान ढूंढना. इसके अलावा रूस में बड़े पैमाने पर लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी कोशिश की जा रही है, जो लोग मोबिलाइज करने की कोशिश कर रहे हैं.
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Tags: Russia ukraine war, Vladimir Putin
FIRST PUBLISHED : November 09, 2022, 17:17 IST