फरीदाबाद4 घंटे पहले
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बीके हार्ट अस्पताल की ईको मशीन सील होने के कारण नहीं हो पा रही जांच, बाहर से टेस्ट कराने को मजबूर।
बीके अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर संचालित हार्ट अस्पताल में ओपीडी की सेवा तो शुरू हो गयी लेकिन ईको टेस्ट के लिए मरीजों को बाहर के बड़े अस्पतालों में अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। निजी अस्पतालों में ईको टेस्ट के लिए 2500 से 3000 हजार रुपए तक चार्ज किए जा रहे हैं। जबकि बीके अस्पताल में यही जांच 982 रुपए में होती थी।
पिछले दिनों भ्रूण लिंग जांच को लेकर की गई छापेमारी के कारण यहां की ईको मशीन सीलकर दी गई है। ऐसे में मरीजों को बाहर से ईको टेस्ट कराना पड़ रहा है। उधर सीएमओ डॉ. विनय गुप्ता कहना है कि इस बारे में सरकार को अवगत कराया गया है। स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र लिख दिया गयाहै। वहां से आने वाली गाइडलाइन के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पिछले दिनों झज्जर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हार्ट अस्पताल में छापेमारी की थी। विभाग का आरोप था कि यहां कार्यरत टेक्नीिशयन भ्रूण लिंग जांच करता है। विभाग ने यहां कार्यरत टेक्नीशियन दिनेश को गिरफ्तार कर लिया और ईको मशीन भी सील कर दी।
मरीजाें को देखते हुए शुरू की गई सेवा
हार्ट अस्पताल की एडमिन डॉ. नेहा चौधरी एवं कार्डियोलाॅजिस्ट डॉ. गुंजन गर्ग ने बताया कि मरीजों कीसमस्या को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने ओपीडी और सर्जनी की सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। लेकिन अभी ईको टेस्ट की सुविधा नहीं दी जा रही है। मरीजाें को बाहर से ईको टेस्ट कराने का सुझाव दिया जा रहा है। प्रबंधन की मानें तो यहां रोजाना ओपीडी की संख्या 100 प्लस है जबकि 80 से 85 मरीजों का ईको टेस्ट होता है। इसका शुल्क यहां महज 982 रुपए निर्धारित है। उन्होंने बताया कि सील मशीन को खुलवाने के लिए सीएमओ को पत्र लिखा गया है। जैसे ही उनकी ओर से अनुमति मिलती है, ईको सेवा फिर से शुरू हो सकती है।