क्वाड समिट के दौरान रूस-चीन के विमानों ने भरी थी जापान सागर के ऊपर उड़ान, टोक्यो ने बताया उकसावे वाला कदम

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टोक्यो: जापान में क्वाड समिट (जापान में क्वाड समिट) के दौरान रूस और चीन के विमानों ने जापान सागर व पूर्वी चीन सागर के ऊपर संयुक्त रूप से उड़ान भरी. दोनों देशों के इस ज्वाइंट ऑपरेशन पर जापान ने कड़ी आपत्ति जताई है. ये घटना ऐसे वक्त में हुई है जब टोक्यो क्वाड समूह की बैठक के लिए नेताओं की मेजबानी कर रहा था. इस मामले को लेकर टोक्यो ने राजनयिक संपर्कों के माध्यम से रूस और चीन दोनों को अपनी गंभीर चिंताओं के बारे में बताया है. जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने यह जानकारी दी.

रॉयटर्स के अनुसार, जापान ने इस घटना को बीजिंग और मॉस्को दोनों के द्वारा एक संभावित उकसावे के तौर पर बताया. जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के नव निर्वाचित नेता, एंथनी अल्बनीज टोक्यो में बैठक कर रहे थे. जापान के रक्षा मंत्री किशी ने कहा कि, हमारा मानना ​​है कि क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान की गई यह कार्रवाई पहले की तुलना में और ज्यादा उत्तेजक है. क्योंकि नवंबर के बाद से यह चौथी ऐसी घटना है.

नोबुओ किशी ने बताया कि दो चीनी युद्धक विमानों ने पूर्वी चीन सागर से जापान सागर के ऊपर उड़ान भरी और फिर दो रूसी युद्धक विमानों के साथ मिलकर पूर्वी चीन सागर की ओर उड़ान भरी.

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इसके अलावा रूसी टोही विमान ने उत्तरी द्वीप होक्काइडो से जापान के मुख्य द्वीप पर नोटो प्रायद्वीप के लिए खुले समुद्र के ऊपर उड़ान भरी. उन्होंने कहा कि कोई भी विमान जापान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया. रूस और चीन दोनों ने पुष्टि की है कि उन्होंने एक ज्वाइंट पेट्रोलिंग की. रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जापानी और पूर्वी चीन सागर में 13 घंटे तक पेट्रोलिंग चली. चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह अभ्यास “वार्षिक सैन्य सहयोग योजना” का हिस्सा था.

वहीं दक्षिण कोरिया की सेना ने भी कहा है कि, उसने मंगलवार को कम से कम चार चीनी और चार रूसी युद्धक विमानों के उसके वायु रक्षा क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद उन्हें खदेड़ दिया.

टैग: चीन, जापान, क्वाड मीटिंग, रूस

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