कहा- कॉलेजियम की सिफारिशों को रोकना लोकतंत्र के लिए घातक | Former Supreme Court judge targets law minister

0
21

नई दिल्ली43 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम पर केंद्र के बढ़ते हमलों के बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रोहिंटन फली नरीमन ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू पर निशाना साधा है। शुक्रवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कॉलेजियम की ओर से सिफारिश किए गए नामों को रोकना लोकतंत्र के लिए घातक बताया। साथ ही कानून मंत्री को याद दिलाया कि अदालत के फैसले को स्वीकार करना उनका कर्तव्य है।

वे मुंबई यूनिवर्सिटी के कानून विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में लेक्चर दे रहे थे। पूर्व जज ने कहा कि हमने इस प्रक्रिया के खिलाफ आज के कानून मंत्री की ओर से एक निंदा सुनी है। मैं कानून मंत्री को आश्वस्त करता हूं कि दो मूलभूत सिद्धांत हैं, जिनके बारे में उन्हें जानना चाहिए।

एक मौलिक बात यह है कि अमेरिका के विपरीत, कम से कम 5 अनिर्वाचित जजों पर संविधान के अनुच्छेद 145(3) की व्याख्या पर भरोसा है और एक बार उन पांच या ज्यादा ने संविधान की व्याख्या कर ली, तो यह अनुच्छेद 144 के तहत एक प्राधिकरण के रूप में आपका कर्तव्य है। एक नागरिक के रूप में, मैं इसकी आलोचना कर सकता हूं, कोई बात नहीं। लेकिन यह कभी मत भूलें कि आप एक अथॉरिटी हैं और एक प्राधिकरण के रूप में आप सही या गलत के फैसले से बंधे हैं। पूर्व जज खुद अगस्त 2021 में सेवानिवृत्त होने से पहले कॉलेजियम का हिस्सा थे।

सरकार के जवाब देने की सीमा तय हो
उन्होंने सुझाव दिया है कि कॉलेजियम की ओर से किसी जज के नाम की सिफारिश के बाद सरकार को 30 दिनों के अंदर जवाब देना चाहिए। अगर तय समय सीमा के अंदर सरकार कोई जवाब नहीं देती है तो यह मान लिया जाए कि सरकार के पास कहने के लिए कुछ नहीं है। संविधान इसी तरह काम करता है।

उन्होंने कहा- कॉलेजियम की ओर से सिफारिश किए गए नामों को रोकना डेडली फॉर डेमोक्रेसी यानी लोकतंत्र के खिलाफ घातक है। साथ ही कहा कि स्वतंत्र और निडर जजों के बिना हम नए अंधेरे युग की खाई में प्रवेश करेंगे। यदि आपके पास स्वतंत्र और निडर जज नहीं हैं, तो कुछ नहीं बचा है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम और सरकार के विवाद से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

रॉ और आईबी की रिपोर्ट्स सार्वजनिक करने पर रिजिजू बोले- इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा

जजों की नियुक्ति को लेकर बनाए गए कॉलेजियम पर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को देश की खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट्स को सार्वजनिक करने पर कहा- यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। पढ़ें पूरी खबर…

LGBT जज के नाम पर केंद्र को आपत्ति, सौरभ कृपाल के नाम पर फिर विचार करने को कहा

केंद्र ने सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश पर आपत्ति जताई है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से उनके नाम पर फिर विचार करने के लिए कहा है। इसके अलावा, केंद्र ने SC के जजों के रूप में नियुक्ति के लिए भेजे गए कई नाम भी SC कॉलेजियम को वापस भेज दिए हैं। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here