कुल्लू3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

दिल्ली के बहुचर्चित श्रद्धा मर्डर केस की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की टीम हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण पहुंची। टीम ने यहां श्रद्धा और उसकी हत्या के आरोपी आफताब की पीपल कांटेक्ट हिस्ट्री खंगाली। तीन सदस्यीय पुलिस टीम उस गेस्ट हाउस भी पहुंची जहां श्रद्धा और आफताब रुके थे। दिल्ली पुलिस की एक टीम में दो सब इंस्पेक्टर और एक हेड कांस्टेबल शामिल थे।
आफताब और श्रद्धा इसी साल 6 अप्रैल को हिमाचल घूमने आए थे। दोनों तीन दिन तक कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी में ठहरे। दोनों 6 और 8 अप्रैल को मणिकर्ण के व्हाइट लोट्स गेस्ट हाउस एंड रेस्टोरेंट में रुके जबकि 7 अप्रैल की रात दोनों ने बगल के कुटला जंगल में एक टेंट में गुजारी। 8 अप्रैल को दोनों मणिकर्ण घाटी से वापस लौट गए।
गेस्ट हाउस से दस्तावेज जब्त
मणिकर्ण पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम यहां आफताब के व्यवहार वगैरह के बारे में जानकारियां जुटा रही है। यहां से दोनों कहां-कहां गए? इसका पता भी लगाया जा रहा है। पुलिस ने व्हाइट लोट्स गेस्ट हाउस एंड रेस्टोरेंट से दोनों के स्टे से संबंधित दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। पुलिस इन्हें अपने साथ ले गई।

कुल्लू में मणिकर्ण के व्हाइट लोट्स में आफताब और श्रद्धा रूके थे।
घाटी के अन्य लोगों से भी सवाल-जवाब
व्हाइट लोट्स गेस्ट हाउस एंड रेस्टोरेंट के संचालक नरेंद्र कुमार ने बताया कि दिल्ली से आए पुलिस अफसरों ने आफताब और श्रद्धा के यहां ठहरने और अन्य एक्टिविटीज को लेकर कई सवाल पूछे। उन्होंने अपनी तरफ से सारी जानकारियां दे दी। नरेंद्र ने बताया कि दिल्ली पुलिस की टीम ने मणिकर्ण में कई अन्य लोगों से भी आफताब के बारे में सवाल-जवाब किए।
Booking.com के जरिए रूम बुक किया
आफताब और श्रद्धा ने व्हाइट लोट्स गेस्ट हाउस एंड रेस्टोरेंट में कमरे की बुकिंग ऑनलाइन वेबसाइट booking.com के जरिए करवाई थी। दोनों ने पेमेंट भी ऑनलाइन की। गेस्ट हाउस मालिक नरेंद्र ने बताया कि दोनों दो दिन उनके गेस्ट हाउस में रुके जबकि एक रात दोनों ने जंगल में टेंट में गुजारी। टेंट की बुकिंग दोनों ने अपने लेवल पर ही की थी।
लोकल पुलिस को सूचना नहीं
दिल्ली पुलिस ने इस विजिट के बारे में हिमाचल पुलिस को न तो कोई सूचना दी और न ही लोकल पुलिस से किसी तरह की कोई मदद ली। दो दिन चली पड़ताल के बाद टीम दिल्ली लौट गई। कुल्लू के एसएसपी गुरदेव शर्मा ने बताया कि उन्हें दिल्ली पुलिस के आने की कोई जानकारी नहीं है। वैसे इस तरह के केस में स्थानीय पुलिस को सूचना देना जरूरी भी नहीं होता।