अब क्लाइमेट चेंज से हुए नुकसान की भरपाई करेगी दुनिया, COP27 में स्‍पेशल फंड बनाने पर सहमति

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हाइलाइट्स

मिस्र में चल रही संयुक्त राष्ट्र की जलवायु वार्ता हुई समाप्त
पीड़ित गरीब देशों की मदद करने के लिए ‘नुकसान और क्षति’ कोष स्थापित
G77 देशों, चीन, गरीब देशों और छोटे द्वीप राज्यों द्वारा प्रस्तावित किया गया था प्रस्ताव

काहिरा. मिस्र में चल रही संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता (UN Climate Summit) दुनिया भर के देशों के साथ जलवायु परिवर्तन (Climate Change) पर एक लंबी चर्चा के बाद समाप्त हो गई है. इस मौके पर जलवायु आपदाओं से पीड़ित गरीब देशों ़की मदद करने के लिए ‘नुकसान और क्षति’ कोष स्थापित करने के समझौते पर सहमति बनी है. ‘नुकसान और क्षति’ कोष स्थापित करने के फैसले को क्लाइमेट एक्टिविस्ट सहित कई देशों ने सराहा और इसे इस दिशा में एक मजबूत कदम करार दिया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रात भर सौदे के कई मसौदों पर चर्चा करने के बाद वार्ताकारों द्वारा सुबह शुरू हुए COP27 समापन सत्र में इस निर्णय को मंजूरी दी गई. ‘नुकसान और क्षति’ कोष (Loss and Damage Fund) को G77 देशों, चीन, गरीब देशों और छोटे द्वीप राज्यों द्वारा प्रस्तावित किया गया था. आर्थिक रूप से कमजोर देशों ने कहा था कि COP27 को नुकसान और क्षति वित्त सुविधा उन्हें देनी ही पड़ेगी.

एंटोनियो गुटेरेस ने किया फैसले का स्वागत
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने ‘नुकसान और क्षति’ कोष स्थापित करने के फैसले का स्वागत करते हुए इसे एक बड़ा कदम बताया है. उन्होंने कहा कि इस COP ने न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने मिस्र में सम्मेलन स्थल से जारी एक वीडियो संदेश में आगे कहा कि वह लॉस एंड डैमेज फंड स्थापित करने और आने वाले समय में इसे चालू करने के फैसले का स्वागत करते हैं. साथ ही उन्होंने विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त में प्रति वर्ष $100 बिलियन के लंबे समय से विलंबित वादे को पूरा करने, स्पष्टता स्थापित करने और अनुकूलन निधि को दोगुना करने के लिए एक विश्वसनीय रोडमैप बनाने पर भी जोर दिया.

Tags: Antonio Guterres, United nations

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